A Simple Key For Shodashi Unveiled
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Kadi mantras are thought to be one of the most pure and will often be useful for better spiritual tactics. They are connected to the Sri Chakra and they are considered to carry about divine blessings and enlightenment.
This classification highlights her benevolent and nurturing areas, contrasting While using the fierce and mild-intense natured goddesses throughout the team.
सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।
Saadi mantras are more obtainable, utilized for common worship also to invoke the existence on the deity in way of life.
वर्गानुक्रमयोगेन यस्याख्योमाष्टकं स्थितम् ।
Goddess Shodashi is frequently related to magnificence, and chanting her mantra evokes interior magnificence and self-acceptance. This reward encourages individuals to embrace their genuine selves and cultivate self-self confidence, helping them radiate positivity and grace in their everyday lives.
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
She may be the possessor of all good and excellent matters, which includes Actual physical goods, for she teaches us to have with out staying possessed. It is claimed that stunning jewels lie at her feet which fell from your crowns of Brahma and Vishnu after they bow in reverence to her.
कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।
श्रींमन्त्रार्थस्वरूपा श्रितजनदुरितध्वान्तहन्त्री शरण्या
Goddess also has the title of Adi Mahavidya, which suggests the complete Variation of fact. In Vedic mantras, she is described as the Goddess who sparkles with The attractive and pure rays with the Sunlight.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥११॥
ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर Shodashi सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।